जीवन सुख और दुःख का संगम है। ये कभी एक सा नहीं रहता । सुख और दुःख बारी बारी से आते जाते रहते हैं । सारी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण इंसान भी पूरी तरह से सुखी नहीं है है।
और सड़क पर रहने वाला इंसान भी, किसी तरह उन्ही हालातों में मुस्कुराने की वजह ढूंढ लेता है ।
ये जीवन हमे एक बार ही मिलता है। तो रात दिन उसे निराश हो कर क्यो जिया जाए ...
क्यों इतनी निराश है तेरी आँखें,
क्यों तु इतना हताश है,
जिंदगी में कया कमी है,
सब कुछ तो तेरे पास है।
अपनों का संग ही,
जीवन में कया कम है
उनसे ही खुशियाँ,
उनसे ही रंग है,
फिर तेरी बेदम निगाहों को,
किसकी तलाश है।
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है
गम किसे नहीं है,
पूरा खुश तो कोई भी नहीं है,
किसी की ज्यादा,किसी की कम है,
थोड़ी सी आंखें हर एक की नम है,
घायल है हर दिल,आंखों में प्यास है
हर पल सभी को खुशी की तलाश है
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है।
तुम्हे हो न हो फिक्र अपनी,
तुम्हारे अपने तो फिक्रमंद है,
उनकी फिक्र कया नहीं,
किसी दौलत से कम है
तुम्हारी खामोशी,तुम्हारी मायुसी,
दर्द देती है उनको
बहुत हुआ अब समझा लो मन को,
तुम्हारी उदासी से वो सब उदास है,
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है ।
वक्त कितना मिला है,
ये किसको पता है,
जितनी भी है सांसे,
ये उसकी रजा है
उसकी मरज़ी की जिंदगी,
कया अपने हाथ है,
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है
जी लेगें जो पल,
बस वो पल ही अपने है,
बाक़ी के पल तो,
बस नींदों के सपने है,
जी भर को जीने को,
फिर किसकी तलाश है,
जिंदगी में कया कमी है,
सब कुछ तो तेरे पास है ।
और सड़क पर रहने वाला इंसान भी, किसी तरह उन्ही हालातों में मुस्कुराने की वजह ढूंढ लेता है ।
ये जीवन हमे एक बार ही मिलता है। तो रात दिन उसे निराश हो कर क्यो जिया जाए ...
क्यों इतनी निराश है तेरी आँखें,
क्यों तु इतना हताश है,
जिंदगी में कया कमी है,
सब कुछ तो तेरे पास है।
अपनों का संग ही,
जीवन में कया कम है
उनसे ही खुशियाँ,
उनसे ही रंग है,
फिर तेरी बेदम निगाहों को,
किसकी तलाश है।
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है
गम किसे नहीं है,
पूरा खुश तो कोई भी नहीं है,
किसी की ज्यादा,किसी की कम है,
थोड़ी सी आंखें हर एक की नम है,
घायल है हर दिल,आंखों में प्यास है
हर पल सभी को खुशी की तलाश है
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है।
तुम्हे हो न हो फिक्र अपनी,
तुम्हारे अपने तो फिक्रमंद है,
उनकी फिक्र कया नहीं,
किसी दौलत से कम है
तुम्हारी खामोशी,तुम्हारी मायुसी,
दर्द देती है उनको
बहुत हुआ अब समझा लो मन को,
तुम्हारी उदासी से वो सब उदास है,
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है ।
वक्त कितना मिला है,
ये किसको पता है,
जितनी भी है सांसे,
ये उसकी रजा है
उसकी मरज़ी की जिंदगी,
कया अपने हाथ है,
जिंदगी में कया कमी है
सब कुछ तो तेरे पास है
जी लेगें जो पल,
बस वो पल ही अपने है,
बाक़ी के पल तो,
बस नींदों के सपने है,
जी भर को जीने को,
फिर किसकी तलाश है,
जिंदगी में कया कमी है,
सब कुछ तो तेरे पास है ।
True but though everyone think that he/she is more dwelling in problems
ReplyDeleteYes priya pr sochna to padega na
Deleteतुम्हे हो न हो फिक्र अपनी,
ReplyDeleteतुम्हारे अपने तो फिक्रमंद है,
उनकी फिक्र कया नहीं,
किसी दौलत से कम है
तुम्हारी खामोशी,तुम्हारी मायुसी,
दर्द देती है उनको
बहुत हुआ अब समझा लो मन को,
तुम्हारी उदासी से वो सब उदास
Wah di
Thank you so much bhai 😊
DeleteThanks bhai
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