जिंदगी में कामयाब होना एक बड़ा सपना होता है सबका पर इस कामयाबी को पाने की कया बड़ी कीमत नहीं चुका रहे हम !!!! हर आदमी चाहता है, कामयाब होना, और अपनी कामयाबी के लिए वो कितनों को रौंदता हुआ निकल जाता है।ये कभी-कभी उसे ही मालूम नहीं होता।
एक अजब सी लगी हौड़ है
ये कैसी दौड़ है ।
भागता हुआ सा,
हर आदमी,
जाने कया रहा, जोड़ है।
उससे आगे मैं,
मुझसे आगे वो,
एक दूसरे को,
सीढियां बना कर,
उपर चढने की दौड़ में,
नीचे गिर गए हम,
जिंदा रहने की होड़ में,
देखो जीते जी,
मर गए हम।
कौन किसका है।
समझना मुश्किल है,
इस कदर,
अपने ही पीठ पीछे,
वार करेंगे, तु जरा
संभल के चल,
कामयाबी पर एक दूसरे की,
अब खुश नहीं होते लोग,
उपर से मुस्कुरातें है।
अंदर कई जख्म हो जाते हैं,
जख्म, ये बहुत दर्द देते हैं,
जब ये अपनों के लिए होते हैं।
इंसान की जिंदगी में,
आया कैसा मोड़ है।
पता नहीं और कब तक,
चलनी ये दौड़ है।
खवाहिशों की इस दौड़ का,
कोई न ओर-छोर है।
कभी तो थक जाएँगे हम,
इस बेमकसद दौड़ से,
और फिर लौट आएंगे,
अपने अपने घरौंदों में,
फिर से बस थोड़े से,
सुकून की तलाश में,
मुटठी भर सपने होंगे,
अपनो के संग होंगे,
मिल जुल पूरा कर लेगें,
न दौड़ रहेगी कोई,
न ही कोई होड़ रहेगी।
फुर्सत के पल होंगे,
खुशियों में रंग होंगे,
जिंदगी की दौड़,
और आगे बढने की होड़ में,
अपने जो छूट गए थे कहीं,
वो सारे फिर से,
संग संग होंगे,
वो सारे फिर से,
संग संग होंगे।
एक अजब सी लगी हौड़ है
ये कैसी दौड़ है ।
भागता हुआ सा,
हर आदमी,
जाने कया रहा, जोड़ है।
उससे आगे मैं,
मुझसे आगे वो,
एक दूसरे को,
सीढियां बना कर,
उपर चढने की दौड़ में,
नीचे गिर गए हम,
जिंदा रहने की होड़ में,
देखो जीते जी,
मर गए हम।
कौन किसका है।
समझना मुश्किल है,
इस कदर,
अपने ही पीठ पीछे,
वार करेंगे, तु जरा
संभल के चल,
कामयाबी पर एक दूसरे की,
अब खुश नहीं होते लोग,
उपर से मुस्कुरातें है।
अंदर कई जख्म हो जाते हैं,
जख्म, ये बहुत दर्द देते हैं,
जब ये अपनों के लिए होते हैं।
इंसान की जिंदगी में,
आया कैसा मोड़ है।
पता नहीं और कब तक,
चलनी ये दौड़ है।
खवाहिशों की इस दौड़ का,
कोई न ओर-छोर है।
कभी तो थक जाएँगे हम,
इस बेमकसद दौड़ से,
और फिर लौट आएंगे,
अपने अपने घरौंदों में,
फिर से बस थोड़े से,
सुकून की तलाश में,
मुटठी भर सपने होंगे,
अपनो के संग होंगे,
मिल जुल पूरा कर लेगें,
न दौड़ रहेगी कोई,
न ही कोई होड़ रहेगी।
फुर्सत के पल होंगे,
खुशियों में रंग होंगे,
जिंदगी की दौड़,
और आगे बढने की होड़ में,
अपने जो छूट गए थे कहीं,
वो सारे फिर से,
संग संग होंगे,
वो सारे फिर से,
संग संग होंगे।
Very good
ReplyDeleteZindagi ki bhagambhag
Deleteka insaan bas ghulam hai..
🏃
The truth that hurts the most is sometimes the very closed ones teases us in our back... nothing is dangerous as it...
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