हम सब की अपनी एक पहचान होती है
किसी की मशहूर,किसी की गुमनाम होती है
चंद लाइनें जो मुझे बयान करती है 💕💕
मैं, मैं हूँ किसी भीङ का हिस्सा नहीं हूँ
सुन के भुला दो वो किस्सा नहीं हूँ
छोटी सही खुद की पहचान रखती हूँ
सुन के औरों की कहती नहीं कुछ
अपनी बातों में एक ईमान रखती हूँ
गुमनाम ही सही अपनी एक हस्ती हैं
दिल के आंगन में अपनों की बस्ती है
मैं तो सबकी हूँ, पर मेरा नहीं कोई,
जीवन के इस कङवे सच पर,अक्सर मैं हँसती हूँ
दर्द भी होता है, चोट भी लगती हैं
इंसान हूँ कोई, फरिश्ता नहीं हूँ,
जीवन की अग्नि-परीक्षा से गुजरता है हर कोई,
मै कोई अनहोनी सा किस्सा नहीं हूँ
मै, "मैं"हूँ किसी भीङ का हिस्सा नहीं हूँ
सुन के भुला दो, वो किस्सा नहीं हूँ
अपनी नज़रों में एक मकाम है मेरा,
उस मकाम से नीचे गिरना नहीं है,
बेवजह किसी का दिल दुखाती नहीं कभी,
अपनी आवाज़ में नरमाईयां रखती हूँ,
खामोश रह कर सुनती हूँ मै सबकी,
करती नहीं कभी, औरों की देखा देखी,
अपनी जिंदगी में, अपनी तरह से,मैं परवाज भरती हूँ
मैं "मैं" हूँ किसी भीड़ का हिस्सा नहीं हूँ
सुन के भुला दो वो किस्सा नहीं हूँ
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