नमस्कार दोस्तों, कैसे हो आप सब ? मानसून अपने पूरे शबाब पर है, बारिश का मौसम अपने आप में बड़ी रंगीनियाँ ले कर आता है, हरे भरे खेत-खलिहान, बाग -बगीचे, सब कुछ बड़ा सुहावना सा लगता है ।
उमस भरी तपती गरमी से राहत सी मिलती है, और बढिया गरमागरम नाशते-खाने से घर घर की रसोई महक उठती है।
कहीं पकोड़ों की खुशबू से मन मचल उठता है, कहीं गरमागरम कचौरियां तली जा रही होती है, कहीं कोयले की आंच पर सिकते भुटटों की महक दूर से हवा में उड़ती हुई नाक में समा जाती है, नुक्कड़, बाजारों में छातों से सिर ढके लोग, चाय की चुस्कियां लेते हुए दुनिया भर की बातें कर रहे होते है।
हमारे हिन्दुस्तान में,हर प्रदेश की अपने खास पकवान है, जो के बहुत मशहूर है, आज हम बात करेंगे राजस्थानी खाने की, अपने आप में बेजोड़ है राजस्थान की संसकृति, बेहद रंगीन, सतरंगी इन्द्रधनुष सी, सुर्ख लाल राजस्थानी चूनड़ सी, और यहाँ का खाना अपने आप में लाजवाब है, राजस्थान की मिटटी की सौंधी खुशबु लिए इसका स्वाद अपने आप में अनूठा है ।
राजस्थानी संस्कृति भारत की प्राचीन संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, और यहाँ के खाने उस धरोहर का बेजोड़ हिस्सा, आज हम राजस्थान की विश्व प्रसिद्द "दाल-बाटी,चूरमा के बारे में बात करेंगे, नाम सुनते ही पानी आ गया ना मुंह में, ये तो बस वही जान सकता है, जिसने इस के स्वाद को चखा है।
एक जनाब ने तो अपने लेख में ये लिखा कि जब मैं इस दुनिया में ना रहूँ तो मेरी अंतिम यात्रा में मेरे मुँह में गंगाजल की जगह दाल-बाटी दे देना, इन जनाब के प्रेम से आप थोड़ा तो अंदाजा लगा पा रहे होंगे, दाल बाटी के स्वाद का।
हमारे घरों में अक्सर जाडों मे या बरसात के मौसम में हम बनाते हैं ये पकवान, #दाल-#बाटी #चूरमा, और कभी अकेले नहीं खाते जब बनता है, घर में जमघट लग जाता है, सच है संग मिल बैठ कर खाने से, खाने का स्वाद बढ कर दोगुना हो जाता है ।
तो आइये हम और आप मिलकर बनाते हैं, राजस्थान की रसोई से ; दाल-बाटी-चूरमा ।
इसको बनाने के लिए पहले कुछ तैयारियां करते हैं ;
सबसे पहले बनाते हैं बाटी ; इसके लिए जो सामग्री चाहिए होगी वो जानते हैं, इस अनुपात से बनाई बाटी 6- 7 लोगों के लिए काफी होंगी ।
1. आटा -1/2 किलो
2.मोयन के लिए देसी धी - दो बड़े चम्मच
3.अजवायन- 1/4 चम्मच
4.चुटकी भर- मीठा सोडा
5.नमक - स्वादानुसार
6.गुनगुना दूध - एक कटोरी
आटे को एक बड़े बरतन मे डालिए, अब इसमें, नमक, अजवायन, मीठा सोडा डाल कर अच्छे से मिलायें, फिर घी को गरम कर के आटे में डाल कर अच्छे से मिला ले, अब गुनगुना दूध डाल कर आटा गुंध ले, जरूरत के हिसाब से थोड़ा पानी मिलायें, और एक ना बहुत नरम ना बहुत सख्त, आटा लगा ले, बाटी का आटा तैयार है, आप इसे ऐसे ही बाटी की शेप दे कर गैस तंदूर या फिर ओवन में सुनहरा होने तक के लिए सेक लिजिये, या फिर सत्तु भर कर या बहुत से लोग आलू का मसाला या फिर मटर का मसाला भी भर कर बनाते हैं बाटी, अब ये आप पर है कि आपको सादी ही पसंद है, या भरी हुई ।
मेरे घर में हम सत्तु भर कर बनाते हैं ; उसके लिए आप चने का सत्तु ले ले, अगर सत्तु नहीं है घर में तो कोई बात नहीं, आप सत्तु की जगह बेसन ले ले,और उसे धीमी आंच पर भून ले, बेसन जब सिक जाएगा तो खुशबु आने लगेगी, बस गैस बंद कर उसे ठंडा कर लीजिये, ये सत्तु की जगह काम देगा।
बाटी की भरावन की सामग्री ; 1.सत्तु- 200 ग्राम (भुना बेसन)
2.अचार का मसाला - दो चम्मच
3.नमक स्वादानुसार
4.काला नमक -1/4 चम्मच
5.चाट मसाला - 1/2 चम्मच
6.अजवायन - 1/4 चम्मच
7. कलौंजी - 2 चुटकी
8.लाल मिर्च पाउडर - 1 चम्मच या फिर अपने स्वाद के हिसाब से कम या जयादा
9.नींबू का रस - 1 चम्मच
10.बारीक कटी हरी मिर्च और अदरक ( स्वादानुसार)
11.हरा धनिया - बारीक कटा हुआ
इन सारी चीजों को एक बरतन में डाल कर अच्छे से मिला ले, ये बाटी का भरावन तैयार है, एक बड़े नींबू के आकार की आटे की लोई लिजिए, अब इसमें एक चम्मच के करीब सत्तु का मसाला भर कर सारी बाटी तैयार कर लीजिये, ओवन को 15 मिनट पहले गरम कर लीजिये, और बाटी को सुनहरा रंग होने तक सेक लिजिये, एक बार सिकने मे 20 से 25 मिनट का समय लग जाता है, आप बाटी पहले से सेक कर बाद में गरम घी में डाल सकते है, या फिर गरम बाटी को तुरन्त घी में डाल कर निकाल कर रख सकती है।
वैसे बाटी का असली स्वाद घी का ही है, पर सेहत के प्रति जागरूक लोग बिना घी के भी खा सकते हैं, अब घी नहीं खाना तो बाटी के स्वाद से भी खुद को वंचित क्यो रखा जाए ।
खैर ये तो हुई बाटी अब दाल की तैयारी की जाए ;
हमारे घरों में हम बाटी के लिए पंचमेले की दाल बनाते आए हैं, आप चाहे तो सिर्फ अरहर की या अपने पसंद की दालें मिला कर दाल बना सकते हैं ।
मेरी बाटी के साथ बनाई जाने वाली दाल की विधि ये रही -
1.अरहर की दाल - एक छोटी कटोरी
2.छिलके वाली हरी मूँग की दाल - एक छोटी कटोरी
3. चने की दाल - आधी कटोरी
4.धुली मूँग की दाल - 4 चम्मच
5.धुली उड़दकी दाल - एक चममच
6.हल्दी पाउडर - 1/2 चम्मच
7. नमक स्वादानुसार
8.घी दो बड़े चम्मच
9. जीरा - 1चम्मच
10. हींग - 1/4 चम्मच ( स्वादानुसार कम कर सकते हैं)
11.हरी मिर्च, अदरक, 1 चममच, बारीक कटी हुई
12. कुटी लाल मिर्च- 1/2 चम्मच
सब दालों को अच्छे से धो कर कुकर में पानी और नमक के साथ धीमी आंच पर दो से तीन सीटी आने तक पका ले, दाल को बहुत जयादा नहीं पकाना, बस गैस बंद कर दे, ठंडा होने के लिए रख दे, अब तडका बनाए ।
तड़के के लिए, दो बड़े चम्मच घी गरम करे, उसमें जीरा डाले, हींग डाले, अब अदरक, हरी मिर्च डाल कर थोड़ा पकांए, फिर कुटी लाल मिर्च डाल कर तडका दाल में डाल दे, लिजिए दाल भी बन ही गई अब चूरमा और चोखा बचा है बस, अरे, मैंने लिखना शुरू करते समय "चोखा" का जिक्र नहीं किया, नहीं -नहीं भूली नहीं थी, बस सोचा आराम से धीरे धीरे सब बताती हूँ ।
अब पहले चूरमा बनाते हैं, मीठा खाने मन होने लगा, 😃😃
तो चूरमा बनाने के लिए आपको चाहिए होगा ;
1.आटा - 200 ग्राम
2.चीनी पिसी हुई- 150 ग्राम
3.मोयन के लिए घी - 2 बड़े चम्मच
4.घी -200 ग्राम तलने के लिए
5. पानी 1/2 गिलास
एक बरतन में आटा डाल कर उसमें दो बड़े चम्मच घी गरम कर डालिए, उसे हाथों से अच्छे से मिला लिजिए, फिर पानी डाल कर, एक सख्त आटा गुंध लिजिए, अब इस आटे की छोटी छोटी मुठिया बांध लिजिए, कडाही में घी गरम कर इन मुठियों को धीमी आंच पर करारा सेक लिजिये, मुठियों को ठंडा कर के मिक्सर में दरदरा पीस लिजिए, और जब ये एक दम ठंडा हो जाए तो इसमें पिसी हुई चीनी मिला लिजिए बस चूरमा तैयार हो गया, हम इसे ऐसे ही खाना पसंद करते हैं, आप चाहें तो इसमें उपर से कटे मेवे डाल सकते हैं।
चूरमा कई दिनों तक खराब नहीं होता, तो आप इसे बना कर,कई दिनों तक इसका स्वाद ले सकते हैं, वैसे ही बाटी भी है,जयादा बन जाए तो घबराइये नहीं, जब जी चाहे गरम किजिए और खाईये, 3-4 दिन आराम से खा सकते हैं ।
दाल बाटी चूरमा तो बन गया, अब बिहार के बाटी, चोखे से चोखा निकाल कर वो भी बना लिया जाए ।
चोखा बनाने के लिए हमें चाहिए ;
1. 4 उबाल कर मसले आलू,
2. 2 मध्यम आकार की प्याज, बारीक कटी हुई
3. 2 बड़े टमाटर, भून कर छिलके उतार कर मसल लिजिए,
4.हरी मिर्च, एक चम्मच बारीक कटी हुई ,
5.हरा धनिया -बारीक कटा हुआ,
6.नींबू का रस- 1 चम्मच
7.नमक स्वादानुसार
8. काला नमक - 1/4 चम्मच
9.चाट मसाला-1/2 चममच
10.कुटी लालमिर्च -1/2 चम्मच
11.भुना जीरा पाउडर -1/2 चम्मच
सारी चीजों को एक बरतन में डाल कर अच्छे से मिला दे बस चटपटा चोखा तैयार है, आप अगर बैंगन पसंद करते हैं तो, इसी में बैंगन भी भून कर मसल कर मिला सकते हैं, जिसे जैसे पसंद वैसे बनाइये, पर बना कर खा कर बताइये जरूर कि मेरी ये रेसिपी आपको कैसी लगी, वैसे तो मैंने कोशिश की है, सब कुछ विस्तार से लिखने की, पर फिर भी अगर कुछ ना समझ आए तो आप कमेन्ट कर के मुझ से पूछ सकते हैं।
फिर देर किस बात की, मौसम भी है, और दस्तूर भी, राजस्थान की मिटटी की सौंधी खुशबु वाली, इस रेसिपी को आप अपने घर में बनाइये, और लुत्फ उठाइये ।😍😍
उमस भरी तपती गरमी से राहत सी मिलती है, और बढिया गरमागरम नाशते-खाने से घर घर की रसोई महक उठती है।
कहीं पकोड़ों की खुशबू से मन मचल उठता है, कहीं गरमागरम कचौरियां तली जा रही होती है, कहीं कोयले की आंच पर सिकते भुटटों की महक दूर से हवा में उड़ती हुई नाक में समा जाती है, नुक्कड़, बाजारों में छातों से सिर ढके लोग, चाय की चुस्कियां लेते हुए दुनिया भर की बातें कर रहे होते है।
हमारे हिन्दुस्तान में,हर प्रदेश की अपने खास पकवान है, जो के बहुत मशहूर है, आज हम बात करेंगे राजस्थानी खाने की, अपने आप में बेजोड़ है राजस्थान की संसकृति, बेहद रंगीन, सतरंगी इन्द्रधनुष सी, सुर्ख लाल राजस्थानी चूनड़ सी, और यहाँ का खाना अपने आप में लाजवाब है, राजस्थान की मिटटी की सौंधी खुशबु लिए इसका स्वाद अपने आप में अनूठा है ।
राजस्थानी संस्कृति भारत की प्राचीन संस्कृति की अमूल्य धरोहर है, और यहाँ के खाने उस धरोहर का बेजोड़ हिस्सा, आज हम राजस्थान की विश्व प्रसिद्द "दाल-बाटी,चूरमा के बारे में बात करेंगे, नाम सुनते ही पानी आ गया ना मुंह में, ये तो बस वही जान सकता है, जिसने इस के स्वाद को चखा है।
एक जनाब ने तो अपने लेख में ये लिखा कि जब मैं इस दुनिया में ना रहूँ तो मेरी अंतिम यात्रा में मेरे मुँह में गंगाजल की जगह दाल-बाटी दे देना, इन जनाब के प्रेम से आप थोड़ा तो अंदाजा लगा पा रहे होंगे, दाल बाटी के स्वाद का।
हमारे घरों में अक्सर जाडों मे या बरसात के मौसम में हम बनाते हैं ये पकवान, #दाल-#बाटी #चूरमा, और कभी अकेले नहीं खाते जब बनता है, घर में जमघट लग जाता है, सच है संग मिल बैठ कर खाने से, खाने का स्वाद बढ कर दोगुना हो जाता है ।
तो आइये हम और आप मिलकर बनाते हैं, राजस्थान की रसोई से ; दाल-बाटी-चूरमा ।
इसको बनाने के लिए पहले कुछ तैयारियां करते हैं ;
सबसे पहले बनाते हैं बाटी ; इसके लिए जो सामग्री चाहिए होगी वो जानते हैं, इस अनुपात से बनाई बाटी 6- 7 लोगों के लिए काफी होंगी ।
1. आटा -1/2 किलो
2.मोयन के लिए देसी धी - दो बड़े चम्मच
3.अजवायन- 1/4 चम्मच
4.चुटकी भर- मीठा सोडा
5.नमक - स्वादानुसार
6.गुनगुना दूध - एक कटोरी
आटे को एक बड़े बरतन मे डालिए, अब इसमें, नमक, अजवायन, मीठा सोडा डाल कर अच्छे से मिलायें, फिर घी को गरम कर के आटे में डाल कर अच्छे से मिला ले, अब गुनगुना दूध डाल कर आटा गुंध ले, जरूरत के हिसाब से थोड़ा पानी मिलायें, और एक ना बहुत नरम ना बहुत सख्त, आटा लगा ले, बाटी का आटा तैयार है, आप इसे ऐसे ही बाटी की शेप दे कर गैस तंदूर या फिर ओवन में सुनहरा होने तक के लिए सेक लिजिये, या फिर सत्तु भर कर या बहुत से लोग आलू का मसाला या फिर मटर का मसाला भी भर कर बनाते हैं बाटी, अब ये आप पर है कि आपको सादी ही पसंद है, या भरी हुई ।
मेरे घर में हम सत्तु भर कर बनाते हैं ; उसके लिए आप चने का सत्तु ले ले, अगर सत्तु नहीं है घर में तो कोई बात नहीं, आप सत्तु की जगह बेसन ले ले,और उसे धीमी आंच पर भून ले, बेसन जब सिक जाएगा तो खुशबु आने लगेगी, बस गैस बंद कर उसे ठंडा कर लीजिये, ये सत्तु की जगह काम देगा।
बाटी की भरावन की सामग्री ; 1.सत्तु- 200 ग्राम (भुना बेसन)
2.अचार का मसाला - दो चम्मच
3.नमक स्वादानुसार
4.काला नमक -1/4 चम्मच
5.चाट मसाला - 1/2 चम्मच
6.अजवायन - 1/4 चम्मच
7. कलौंजी - 2 चुटकी
8.लाल मिर्च पाउडर - 1 चम्मच या फिर अपने स्वाद के हिसाब से कम या जयादा
9.नींबू का रस - 1 चम्मच
10.बारीक कटी हरी मिर्च और अदरक ( स्वादानुसार)
11.हरा धनिया - बारीक कटा हुआ
इन सारी चीजों को एक बरतन में डाल कर अच्छे से मिला ले, ये बाटी का भरावन तैयार है, एक बड़े नींबू के आकार की आटे की लोई लिजिए, अब इसमें एक चम्मच के करीब सत्तु का मसाला भर कर सारी बाटी तैयार कर लीजिये, ओवन को 15 मिनट पहले गरम कर लीजिये, और बाटी को सुनहरा रंग होने तक सेक लिजिये, एक बार सिकने मे 20 से 25 मिनट का समय लग जाता है, आप बाटी पहले से सेक कर बाद में गरम घी में डाल सकते है, या फिर गरम बाटी को तुरन्त घी में डाल कर निकाल कर रख सकती है।
वैसे बाटी का असली स्वाद घी का ही है, पर सेहत के प्रति जागरूक लोग बिना घी के भी खा सकते हैं, अब घी नहीं खाना तो बाटी के स्वाद से भी खुद को वंचित क्यो रखा जाए ।
खैर ये तो हुई बाटी अब दाल की तैयारी की जाए ;
हमारे घरों में हम बाटी के लिए पंचमेले की दाल बनाते आए हैं, आप चाहे तो सिर्फ अरहर की या अपने पसंद की दालें मिला कर दाल बना सकते हैं ।
मेरी बाटी के साथ बनाई जाने वाली दाल की विधि ये रही -
1.अरहर की दाल - एक छोटी कटोरी
2.छिलके वाली हरी मूँग की दाल - एक छोटी कटोरी
3. चने की दाल - आधी कटोरी
4.धुली मूँग की दाल - 4 चम्मच
5.धुली उड़दकी दाल - एक चममच
6.हल्दी पाउडर - 1/2 चम्मच
7. नमक स्वादानुसार
8.घी दो बड़े चम्मच
9. जीरा - 1चम्मच
10. हींग - 1/4 चम्मच ( स्वादानुसार कम कर सकते हैं)
11.हरी मिर्च, अदरक, 1 चममच, बारीक कटी हुई
12. कुटी लाल मिर्च- 1/2 चम्मच
सब दालों को अच्छे से धो कर कुकर में पानी और नमक के साथ धीमी आंच पर दो से तीन सीटी आने तक पका ले, दाल को बहुत जयादा नहीं पकाना, बस गैस बंद कर दे, ठंडा होने के लिए रख दे, अब तडका बनाए ।
तड़के के लिए, दो बड़े चम्मच घी गरम करे, उसमें जीरा डाले, हींग डाले, अब अदरक, हरी मिर्च डाल कर थोड़ा पकांए, फिर कुटी लाल मिर्च डाल कर तडका दाल में डाल दे, लिजिए दाल भी बन ही गई अब चूरमा और चोखा बचा है बस, अरे, मैंने लिखना शुरू करते समय "चोखा" का जिक्र नहीं किया, नहीं -नहीं भूली नहीं थी, बस सोचा आराम से धीरे धीरे सब बताती हूँ ।
अब पहले चूरमा बनाते हैं, मीठा खाने मन होने लगा, 😃😃
तो चूरमा बनाने के लिए आपको चाहिए होगा ;
1.आटा - 200 ग्राम
2.चीनी पिसी हुई- 150 ग्राम
3.मोयन के लिए घी - 2 बड़े चम्मच
4.घी -200 ग्राम तलने के लिए
5. पानी 1/2 गिलास
एक बरतन में आटा डाल कर उसमें दो बड़े चम्मच घी गरम कर डालिए, उसे हाथों से अच्छे से मिला लिजिए, फिर पानी डाल कर, एक सख्त आटा गुंध लिजिए, अब इस आटे की छोटी छोटी मुठिया बांध लिजिए, कडाही में घी गरम कर इन मुठियों को धीमी आंच पर करारा सेक लिजिये, मुठियों को ठंडा कर के मिक्सर में दरदरा पीस लिजिए, और जब ये एक दम ठंडा हो जाए तो इसमें पिसी हुई चीनी मिला लिजिए बस चूरमा तैयार हो गया, हम इसे ऐसे ही खाना पसंद करते हैं, आप चाहें तो इसमें उपर से कटे मेवे डाल सकते हैं।
चूरमा कई दिनों तक खराब नहीं होता, तो आप इसे बना कर,कई दिनों तक इसका स्वाद ले सकते हैं, वैसे ही बाटी भी है,जयादा बन जाए तो घबराइये नहीं, जब जी चाहे गरम किजिए और खाईये, 3-4 दिन आराम से खा सकते हैं ।
दाल बाटी चूरमा तो बन गया, अब बिहार के बाटी, चोखे से चोखा निकाल कर वो भी बना लिया जाए ।
चोखा बनाने के लिए हमें चाहिए ;
1. 4 उबाल कर मसले आलू,
2. 2 मध्यम आकार की प्याज, बारीक कटी हुई
3. 2 बड़े टमाटर, भून कर छिलके उतार कर मसल लिजिए,
4.हरी मिर्च, एक चम्मच बारीक कटी हुई ,
5.हरा धनिया -बारीक कटा हुआ,
6.नींबू का रस- 1 चम्मच
7.नमक स्वादानुसार
8. काला नमक - 1/4 चम्मच
9.चाट मसाला-1/2 चममच
10.कुटी लालमिर्च -1/2 चम्मच
11.भुना जीरा पाउडर -1/2 चम्मच
सारी चीजों को एक बरतन में डाल कर अच्छे से मिला दे बस चटपटा चोखा तैयार है, आप अगर बैंगन पसंद करते हैं तो, इसी में बैंगन भी भून कर मसल कर मिला सकते हैं, जिसे जैसे पसंद वैसे बनाइये, पर बना कर खा कर बताइये जरूर कि मेरी ये रेसिपी आपको कैसी लगी, वैसे तो मैंने कोशिश की है, सब कुछ विस्तार से लिखने की, पर फिर भी अगर कुछ ना समझ आए तो आप कमेन्ट कर के मुझ से पूछ सकते हैं।
फिर देर किस बात की, मौसम भी है, और दस्तूर भी, राजस्थान की मिटटी की सौंधी खुशबु वाली, इस रेसिपी को आप अपने घर में बनाइये, और लुत्फ उठाइये ।😍😍
zabardast! Alka ji padhke hi maza aagya...jaldi hi banaungi.
ReplyDeleteThank you Priyanka, Jaroor bnaaiye or btaiyega jaroor, kaisi bni ? 😘
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