नमस्कार दोस्तों, "आज बहुत दिनों बाद एक स्वादिष्ट मिठाई की विधि लिखने जा रहीं हूँ"। हम भारतीय खाने के बहुत शौकीन होते है, हर दिन, हर त्यौहार हर पूजा सब दिनों के खास व्यंजन बनाते है हम, हर राज्य, हर शहर, हर कस्बे के अपने खास खाने है, और मिठाइयों के तो कहने ही क्या, अलग-अलग खास मौकों की अलग अलग सी मिठाईयाँ, विश्व प्रसिद्द है हमारे यहाँ की मिठाईयाँ, जैसे की जलेबी, आज भी खाते हुए ये सोचा करती हूँ कि आखिर इन जलेबियों में अन्दर रस भर कैसे जाता है। 🤔🤔
सोचने वाली बात है ना, ऐसे बहुत से खाने है, जो कैसे बनते होंगे हमारी जिज्ञासा का विषय रहता है, आधुनिक समय में हमारे खान-पान में बहुत फर्क आया है,पाश्चात्य खाने हमारे रोजमर्रा के खान-पान का हिस्सा बन गये है, फिर भी जो बात जो स्वाद हमारे भारतीय खानों में है, वो दुनिया भर में कहीं नहीं है।
मैं बता रही थी "सूजी मावा लड्डू के बारे में, मुझे मिठाईयाँ बनाने का शौक नहीं था कभी, सच कहूँ तो शादी से पहले मीठा कभी पसंद नहीं था मुझे, मुझे नए -नए खाने बनाने का शौक तो था पर मीठा कुछ कभी नहीं बनाया, अगर तो कभी खीर या हलवा बनाया भी तो उसमें चीनी बराबर नहीं डाली, मतलब मीठा बनाने का मेरा ज्ञान शून्य ही था, माँ सब चीजें बनाती थी, तो कभी कोशिश नहीं की खुद से बनाने की, जब शादी तय हुई, तब थोड़ा लगने लगा कि ससुराल में नई बहु से जब पहली बार मीठा कुछ बनवायेगें तो क्या बनाउंगी,तो माँ से पूछा "हलवे में आटे और चीनी की मात्रा क्या होती है, और मेरे किसी भी मिठाई बनाने को सीखने की और ये पहला कदम था, ससुराल में ये रस्म भी नहीं हुई, और मै धीरे-धीरे अपनी समझ से कुछ कुछ मिठाईयाँ बनाने लगी।
सूजी मावा लड्डू मेरी सासु माँ ने हमारे पड़ोस में रह रही एक चाची जी से बनाने सीखे, और जब भी काम पड़ता सासु माँ ही बनाया करती, अब उम्र हो गई उनकी तो घबरा जाती है, हर बार जब भी लड्डू बनाती कुछ न कुछ कमी रह ही जाती, और वो मायूस हो जाती, तो इस बार मैंने सोचा क्यो न मैं ही बना कर देखूं, शायद अच्छे बन जाए,पर एक समस्या थी, माँ ये लड्डू चाशनी बना कर बनाती थी, और ये थोड़ा मुश्किल काम था मेरे लिए, कहीं चाशनी ठीक नहीं बैठी तो, और लड्डू खराब हो गये तो, तब सोचा क्यो ना एक नई विधि से बनाने की कोशिश की जाए ।
मैने बिना चाशनी के लड्डू बनाने का सोचा, रिस्क तो था, पहले कभी इस तरह से बनाए नहीं थे मैंने, सासु माँ घर पर नहीं थी,तो मैंने सोचा ये प्रयोग कर ही लिया जाए, थोड़ा सा बनाती हूँ, देखते हैं प्रयोग सफल होता है कि नहीं ।
तो मैंने सूजी के लड्डू बनाने के लिए जो सामग्री ली वो इस प्रकार है ।
1. सूजी -250 ग्रा०
2. खोया (मावा)-250 ग्रा०
3. पिसी हुई चीनी -200 ग्रा०
4. देसी धी -एक कटोरी लगभग - 150 ग्रा म
5.बादाम कटे हुए - आधी कटोरी
बनाने की विधि- सबसे पहले एक भारी तले की कडाही ली, उसमें धी डाला, और सूजी डाल कर धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए सूजी के गुलाबी होने तक भून लिया, सूजी को लाल नहीं करना है, फिर उसमें खोया डाल कर 6-8 मिनट धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूना, अब कटे बादाम डाल कर 2 मिनट और भूना और गैस बंद कर कडाही को नीचे उतार दिया, 7-8 मिनट तक ठंडा होने दिया, फिर उसमें पिसी चीनी डाल कर अच्छे से मिलाया और मिश्रण के ठंडा होने से पहले ही छोटे छोटे लड्डू बना लिये।
एक दो बातों का खयाल रखना जरूरी है, एक तो चीनी मिलाते वक्त सूजी का मिश्रण जयादा गरम ना हो वरना चीनी पानी छोड़ देगी ,और लड्डू ठीक नहीं बनेंगे ।
दूसरी बात ये कि मिश्रण अगर जयादा ठंडा हो गया तो कड़ा हो जाएगा उस स्थिति में भी लड्डू सही नहीं बनेंगे, मिश्रण अगर कड़ा हो जाए तो, थोड़ा सा दूध गरम कर डाला जा सकता है, उससे लड्डू नरम और बढिया बन जाएँगें।
खैर लड्डू तो मैंने बना लिये, एक नई विधि से, अब उनका स्वाद परिक्षण बाकी था, दिखने में लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट लग रहे थे, पतिदेव जी ने खा कर बहुत तारीफ की, अब बारी सासु माँ की थी, वो लड्डू देख कर ही हैरान थी, कि मैंने अकेले बिना उनकी मदद के बना कैसे लिए । और खाते हुए उनकी हैरानी और बढ गई, मेरा परिक्षण सफल रहा।
मैंने बहुत ही आसानी से बिना किसी की मदद के एक बेहतरीन स्वाद वाले सूजी के लड्डू बना लिये थे, आप भी बना कर देखिये, सच में बहुत आसान है ।
सोचने वाली बात है ना, ऐसे बहुत से खाने है, जो कैसे बनते होंगे हमारी जिज्ञासा का विषय रहता है, आधुनिक समय में हमारे खान-पान में बहुत फर्क आया है,पाश्चात्य खाने हमारे रोजमर्रा के खान-पान का हिस्सा बन गये है, फिर भी जो बात जो स्वाद हमारे भारतीय खानों में है, वो दुनिया भर में कहीं नहीं है।
मैं बता रही थी "सूजी मावा लड्डू के बारे में, मुझे मिठाईयाँ बनाने का शौक नहीं था कभी, सच कहूँ तो शादी से पहले मीठा कभी पसंद नहीं था मुझे, मुझे नए -नए खाने बनाने का शौक तो था पर मीठा कुछ कभी नहीं बनाया, अगर तो कभी खीर या हलवा बनाया भी तो उसमें चीनी बराबर नहीं डाली, मतलब मीठा बनाने का मेरा ज्ञान शून्य ही था, माँ सब चीजें बनाती थी, तो कभी कोशिश नहीं की खुद से बनाने की, जब शादी तय हुई, तब थोड़ा लगने लगा कि ससुराल में नई बहु से जब पहली बार मीठा कुछ बनवायेगें तो क्या बनाउंगी,तो माँ से पूछा "हलवे में आटे और चीनी की मात्रा क्या होती है, और मेरे किसी भी मिठाई बनाने को सीखने की और ये पहला कदम था, ससुराल में ये रस्म भी नहीं हुई, और मै धीरे-धीरे अपनी समझ से कुछ कुछ मिठाईयाँ बनाने लगी।
सूजी मावा लड्डू मेरी सासु माँ ने हमारे पड़ोस में रह रही एक चाची जी से बनाने सीखे, और जब भी काम पड़ता सासु माँ ही बनाया करती, अब उम्र हो गई उनकी तो घबरा जाती है, हर बार जब भी लड्डू बनाती कुछ न कुछ कमी रह ही जाती, और वो मायूस हो जाती, तो इस बार मैंने सोचा क्यो न मैं ही बना कर देखूं, शायद अच्छे बन जाए,पर एक समस्या थी, माँ ये लड्डू चाशनी बना कर बनाती थी, और ये थोड़ा मुश्किल काम था मेरे लिए, कहीं चाशनी ठीक नहीं बैठी तो, और लड्डू खराब हो गये तो, तब सोचा क्यो ना एक नई विधि से बनाने की कोशिश की जाए ।
मैने बिना चाशनी के लड्डू बनाने का सोचा, रिस्क तो था, पहले कभी इस तरह से बनाए नहीं थे मैंने, सासु माँ घर पर नहीं थी,तो मैंने सोचा ये प्रयोग कर ही लिया जाए, थोड़ा सा बनाती हूँ, देखते हैं प्रयोग सफल होता है कि नहीं ।
तो मैंने सूजी के लड्डू बनाने के लिए जो सामग्री ली वो इस प्रकार है ।
1. सूजी -250 ग्रा०
2. खोया (मावा)-250 ग्रा०
3. पिसी हुई चीनी -200 ग्रा०
4. देसी धी -एक कटोरी लगभग - 150 ग्रा म
5.बादाम कटे हुए - आधी कटोरी
बनाने की विधि- सबसे पहले एक भारी तले की कडाही ली, उसमें धी डाला, और सूजी डाल कर धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए सूजी के गुलाबी होने तक भून लिया, सूजी को लाल नहीं करना है, फिर उसमें खोया डाल कर 6-8 मिनट धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूना, अब कटे बादाम डाल कर 2 मिनट और भूना और गैस बंद कर कडाही को नीचे उतार दिया, 7-8 मिनट तक ठंडा होने दिया, फिर उसमें पिसी चीनी डाल कर अच्छे से मिलाया और मिश्रण के ठंडा होने से पहले ही छोटे छोटे लड्डू बना लिये।
एक दो बातों का खयाल रखना जरूरी है, एक तो चीनी मिलाते वक्त सूजी का मिश्रण जयादा गरम ना हो वरना चीनी पानी छोड़ देगी ,और लड्डू ठीक नहीं बनेंगे ।
दूसरी बात ये कि मिश्रण अगर जयादा ठंडा हो गया तो कड़ा हो जाएगा उस स्थिति में भी लड्डू सही नहीं बनेंगे, मिश्रण अगर कड़ा हो जाए तो, थोड़ा सा दूध गरम कर डाला जा सकता है, उससे लड्डू नरम और बढिया बन जाएँगें।
खैर लड्डू तो मैंने बना लिये, एक नई विधि से, अब उनका स्वाद परिक्षण बाकी था, दिखने में लड्डू बहुत ही स्वादिष्ट लग रहे थे, पतिदेव जी ने खा कर बहुत तारीफ की, अब बारी सासु माँ की थी, वो लड्डू देख कर ही हैरान थी, कि मैंने अकेले बिना उनकी मदद के बना कैसे लिए । और खाते हुए उनकी हैरानी और बढ गई, मेरा परिक्षण सफल रहा।
मैंने बहुत ही आसानी से बिना किसी की मदद के एक बेहतरीन स्वाद वाले सूजी के लड्डू बना लिये थे, आप भी बना कर देखिये, सच में बहुत आसान है ।
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