नमस्कार दोस्तों .... आज मैं अपना पहला बलाँग लिख रही हूँ
हर इंसान की जिंदगी में बहुत सारे खुबसूरत रंग होते हैं। बहुत सारे खट्टे-मीठे पल होते है। गम होते हैं,खुशियाँ होती हैं। और हर इंसान की अपनी एक अलग पहचान होती हैं। मै भी अपने जीवन के इस पड़ाव पर बहुत से किरदार निभा रही हूँ। एक बेटी,एक बहन,एक बहु,एक पत्नी और एक माँ।
इन सब के अलावा जो एक किरदार है, वो है एक औरत का, यानि के मेरा खुद का,सारे किरदारों को निभाते हुए कहीँ न कहीं हम खुद को अनदेखा कर देते हैं। अपने शौक को अपने अंदर के हुनर को अपने तक ही सीमित रखते हैं। खुद को भुला कर अपनो के लिए जीते हैं।
वक़्त गुजरता जाता है, और फिर जब सब की जरूरते पूरी हो जाती हैं तो हम खुद को अकेला पाते हैं। ऐसे में जरूरत है खुद के लिए भी थोड़ा वक्त निकाल कर हम अपने सपनों को पूरा करने के बारे मे भी सोचना चाहिए ।
लेकिन उसके लिए ये नहीं कि खुद को खो दें, सपने देखना बुरा नहीं है, पर उन सपनों के लिए खुद को मिटा देना, वो गलत है, सपने देखिये, पूरे भी देखने से होंगे, पर उनहे वक्त दीजिए, रातों रात बस खवाब देखें जा सकते हैं, उनहे पूरा नहीं किया जा सकता है।
हकीकत और सपनों में बहुत फरक होता है, सपने हम मन की मखमली जमीन पर देखते हैं, और हकीकत में धरातल पथरीला होता है, पांव छिल जाते हैं, चलते चलते तब कहीं मंजिल नजर आती है ।
वो सब करे जो हमे अच्छा लगे। मुझे बचपन से ही शब्दों के साथ खेलना पसंद है। थोड़ा बहुत लिख लेती हूँ। खाना बनाने और खिलाने का भी बहुत शौक है।इसके अलावा बागवानी करने में बहुत खुशी मिलती है।
लेकिन उसके लिए ये नहीं कि खुद को खो दें, सपने देखना बुरा नहीं है, पर उन सपनों के लिए खुद को मिटा देना, वो गलत है, सपने देखिये, पूरे भी देखने से होंगे, पर उनहे वक्त दीजिए, रातों रात बस खवाब देखें जा सकते हैं, उनहे पूरा नहीं किया जा सकता है।
हकीकत और सपनों में बहुत फरक होता है, सपने हम मन की मखमली जमीन पर देखते हैं, और हकीकत में धरातल पथरीला होता है, पांव छिल जाते हैं, चलते चलते तब कहीं मंजिल नजर आती है ।
वो सब करे जो हमे अच्छा लगे। मुझे बचपन से ही शब्दों के साथ खेलना पसंद है। थोड़ा बहुत लिख लेती हूँ। खाना बनाने और खिलाने का भी बहुत शौक है।इसके अलावा बागवानी करने में बहुत खुशी मिलती है।
अपने हाथों से फूल,पौधे,सब्जियां उगाने का जो मजा है उसे शब्दो मे कहना मुश्किल है।
तो दोस्तों मेरी इस जिंदगी के सफ़र में आप सब का साथ चाहिए मुझे, कुछ अपने शौकों के बारे में बात करूँगी,कुछ आपकी सुनूँगी,कुछ अपनी कहूँगी। तो चलिए मेरे साथ मेरी जिंदगी के सफ़र पर ।
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