#kchbaatenmanki ..Umar ka ek daur aisa bi aata hai ki insaan apne aapko apni chahto ko seemit kr leta hai ... wo choti choti khusiyoon main hi sukoon mehsooa krne lgta hai ...
अब चाहते सिमट चली है
मौसम कितना भी खुशनुमा हो
दिल शोर नहीं करता
वक्त के साथ शौक और जरूरत
दोनों में फर्क करना सीख गई
शौक कभी खत्म नहीं होते,
जरूरत बहुत कम होती है
शौक शिकायतों की वज़ह बन जाते है
जरूरत में मिल बांट के काम चला लेते हैं
जीने के लिए कुछ ज्यादा नहीं चाहिए होता
कुछ अपनों का साथ और सुकून के कुछ पल
इंसान ताउम्र दौड़ता है
जाने कया हासिल करने को
जिस दौड़ का कोई अंत नहीं
कयों उसमें शामिल होना
इसलिए दोस्तों
मौसम कितना भी खुशनुमा हो
अब दिल शोर नहीं करता
बस देखता है समझता है
हौले हौले से धड़कता है
संवरता है।निखरता है
समझता है ।संभलता है
पर मौसम कितना भी खुशनुमा हो
अब दिल शोर नहीं करता ।
अब चाहते सिमट चली है
मौसम कितना भी खुशनुमा हो
दिल शोर नहीं करता
वक्त के साथ शौक और जरूरत
दोनों में फर्क करना सीख गई
शौक कभी खत्म नहीं होते,
जरूरत बहुत कम होती है
शौक शिकायतों की वज़ह बन जाते है
जरूरत में मिल बांट के काम चला लेते हैं
जीने के लिए कुछ ज्यादा नहीं चाहिए होता
कुछ अपनों का साथ और सुकून के कुछ पल
इंसान ताउम्र दौड़ता है
जाने कया हासिल करने को
जिस दौड़ का कोई अंत नहीं
कयों उसमें शामिल होना
इसलिए दोस्तों
मौसम कितना भी खुशनुमा हो
अब दिल शोर नहीं करता
बस देखता है समझता है
हौले हौले से धड़कता है
संवरता है।निखरता है
समझता है ।संभलता है
पर मौसम कितना भी खुशनुमा हो
अब दिल शोर नहीं करता ।
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