जिंदगी तु सचमुच खुबसूरत है
खुश होने के लिए कया चाहिए ? कया लगता है आप सब को एक बड़ा बैंक बेलेंस, एक लक्जरी कार, डिजाइनर कपड़े, जवैलरी, विदेश यात्रा या बहुत सारी प्रोपरटी .... ये सब बस सुख के साधन है, खुशियों के नहीं ...
खुश होने के लिए महज एक चीज काफ़ी है, मन का सुकून वो है तो जिंदगी में हर रंग खिलखिलाते हुए स्वागत करेगा आपका ... जैसे कि मेरी कविता में मै जिंदगी को सलाम कर रही हूँ ....
खुशनुमा, खुबसूरत, सी हो गई है
रंग कुछ ऐसे बिखरें है जिंदगी में
अब खुल सी गई है चाहते
अब डर नहीं लगता किसी से
अब थाम के हाथ अपना
मै चलती हूँ अपने सपनों के संग
अब रंगों से दूर नहीं भागती
अब कैद कर लिया है
अपनी मुटठी में हर रंग
अब सर झुकता नहीं गैरवाजिब मेरा
अब रंगों से रोशन है
मेरा हर सवेरा
अब हौसलों मे उड़ान है
अब पंखों में जान है
अब सीने में आग है
अब जीवन में राग है
अब मन में उमंग है
अब मन ये मलंग है
अब उडती हूँ, रंगीन तितली सी
अब चमकती हूँ बन के बिजली सी
अब मंजिल पर नज़र जमी है
अब हर खवाहिश बड़ी रंगीन है
हाँ रंगों से जिंदगी सचमुच रंगी है !!!!
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